Hundreds of years old ship:एक झील के सर्वे के दौरान खोजकर्ताओं को सैकड़ों साल पुराना जहाज मिला है. खोजकर्ता इस झील में जंगी सामानों का पता लगा रहे थे. इसी दौरान उनकी नजर इस जहाज पर पड़ी जो झील में 1350 फीट की गहराई पर था. खोजकर्ताओं ने बताया कि सैकड़ों साल पुराने होने के बावजूद यह जहाज काफी अच्छी स्थिति में है.

Hundreds of years old ship:
एक झील की सतह से सैकड़ों साल पुराना जहाज का मलबा मिला है. इतना अधिक वक्त गुजर जाने के बावजूद जहाज काफी अच्छी स्थिति में मिला है. यह ऐसा है जैसे कि इस जहाज के लिए मानों समय रुका हुआ था.
यह जहाज नॉर्वे की सबसे बड़ी झील मिओसा की सतह से मिला है. जहाज की यूनिक डिजाइन और उसके तख्त इस झील के समुद्री इतिहास की गवाही देते हैं. बताया जा रहा है कि यह जहाज 1300 से 1800 शताब्दी के बीच का है.
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खोजकर्ताओं ने मिशन मिओसा प्रोजेक्ट के तहत ये खोज की है. इस मिशन का मकसद 363 स्क्वायर किलोमीटर में फैली इस झील की सतह में छिपे रहस्यों को हाई रेजोल्यूशन सोनार टेक्नोलॉजी से पता लगाना है.
दो महीने तक झील की सतह के निरीक्षण में जंगी सामान मिलने के बाद नॉर्वे रक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान ने इस मिशन को शुरू किया था. नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, यह झील पीने के पानी का एक बड़ा स्रोत है. इस झील से देश के करीब 1 लाख लोगों तक पानी पहुंचता है. इसलिए इसमें जंगी सामान होने की वजह से लोगों की सेहत खराब हो सकती थी.
जहाज का मलबा झील के एक सर्वे के दौरान मिला. नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सीनियर रिसर्चर और इस मिशन के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर ओयविंद ओडेगार्ड ने कहा- हमें उम्मीद थी कि जंगी सामानों के बारे में पता लगाते समय जहाज का मलबा भी मिल सकता है और यही हुआ भी.
जहाज का ये मलबा 1350 फीट की गहराई में मिला है. इस जहाज की लंबाई 33 फीट बताई जा रही है. साफ पानी का वातावरण और झील में वेव ना होने की वजह से जहाज यथास्थिति में दिखती है. हालांकि, लोहे की कुछ कीलों में जंग जरूर लग गए हैं.
जहाज के डिजाइन को देखकर पुरातत्व विभाग के लोगों ने ये अनुमान लगाया है कि यह जहाज साल 1300 से साल 1850 के बीच ही बना होगा. यह जहाज झील के बीच में मिला है. इसलिए ओयविंद ओडेगार्ड का मानना है कि खराब मौसम की वजह से यह जहाज डूबा होगा.