ATM forward:-Insurance comes with ATM in India with limit upto 10 lakhs. सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंक एटीएम कार्ड होल्डर्स को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेश कवर और एक्सीडेंटल डेथ कवर कार्ड के साथ देते हैं। जिसकी रेंज 50 हजार से 10 लाख रुपए तक होती है।

ATM के साथ मिल जाता हैं Insurance
ATM forward:अग्र कार्ड है तो Hospital में हो सकता हैं 10 लाख तक का इलाज.बैंक वाले नहीं बताते हैं ये बात.अपना लिमिट जानिए,
एटीएम ने हमारी बैंकिंग लाइफ को काफी आसान बना दिया है। अब एटीएम कार्ड होने से न तो पैसे के लिए हमें चक्कर लगाने पड़ते और न शॉपिंग पर जाने के लिए भारी भरकम रकम साथ में ले जाने की जरुरत होती है। लेकिन क्या आपको पता है
कि एटीएम कार्ड सिर्फ कैश निकालने या बिल पेमेंट करने के लिए नहीं होता है, बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं। एटीएम कार्ड होल्डर को बैंकिंग के लिए अलावा कई सुविधाएं मिलती है, जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती है।
इन्हीं में से एक है इंश्योरेंस (बीमा)। एटीएम कार्ड मिलते ही कस्टमर्स का बीमा हो जाता है। अगर आपके पास किसी भी सरकारी और गैर सरकारी बैंक का एटीएम कार्ड तो आप यह मान सकते हैं कि आपका उस बैंक में दुर्घटना बीमा हो चुका है।
ATM forward Insurance Limit: 10 लाख तक का होता है बीमा
सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंक एटीएम कार्ड होल्डर्स को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेश कवर और एक्सीडेंटल डेथ कवर कार्ड के साथ देते हैं। जिसकी रेंज 50 हजार से 10 लाख रुपए तक होती है
इस सुविधा का लाभ हर एक ग्राहक को मिलता है, लेकिन न तो हमें इस बात का पता होता है और न ही बैंक की ओर से इस बात की जानकारी दी जाती है। हालांकि इस सुविधा का लाभ लेने की कुछ शर्त है।
आपको इंश्योरेंस की राशि तब ही मिल सकती है जब आपका अकाउंट ऑपरेशन हो। अकाउंड इनऑपरेटिव होने पर आपको इस सुविधा का लाभ नहीं मिलता है।
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How to claim: कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम?
एटीएम कार्ड के जरिए बीमा होने की जानकारी नहीं होने के कारण क्लेम को लेकर भी लोगों के पास कम ही जानकारी होती है। इंश्योरेंस का क्लेम करने के लिए हादसा होने बाद तुरंत इस बात की जानकारी पुलिस को दें और हर चीज को सही से सामने रखे।
अगर अस्पताल जाने की नौबत आती है तो आपको मेडिकल रिपोर्ट्स जमा करनी होती है। किसी कारणवश अगर हादसे के बाद मौत हो जाती है तो इन चीजों को जमा करना होता है- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, डेथ सर्टिफिकेट और वैध ड्राइविंग लाइसेंस। साथ ही बैंक को बताना होता है कि कार्ड होल्डर ने पिछले 60 दिन के अंदर ट्रांजेक्शन किया था।